गज फुट इंच
लखनऊ
के रहने वाले के. पी. सक्सेना एक विख्यात लेखक होने के साथ-साथ एक सफ़ल व्यंगकार,
स्तम्भकार और नाट्य लेखक एवं कवि हैं। उन्होने कुछ समय रेलवे कर्मचारी के तौर पर
भी काम किया लेकिन रुझान शुरू से ही लेखन की ओर रहा और पत्र पत्रिकाओं में लगातार
लिखते रहे। उन्होने करीब-करीब देश की हर प्रतिष्ठित पत्रिका के लिए लिखा है। “कोई
पत्थर से ना मारे मेरे”
आपकी पहली प्रकाशित व्यंग्य पुस्तक थी जो 1982 में छपी। अपने अलग अंदाज़ की वजह से
आप हास्य कवि सम्मेलनों के सबसे चर्चित कवि हैं। तीन भारतीय भाषाओं (हिन्दी, उर्दू
और अवधि) पर आपकी गज़ब पकड़ है। साहित्य के क्षेत्र में आपके विशिष्ट योगदान को
ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने वर्ष 2000 में आपको पद्मश्री पुरस्कार से
सम्मानित किया।
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