Sunday, April 04, 2010

मां

मां
वो नाम जो हर बच्चे की ज़ुबां पर
सबसे पहले आता है
या कहें वो इंसान जो बच्चे को
जीने का मतलब समझाता है
मां, बच्चे को दुनिया में आने का मौक़ा देती है
देती हैं सांसे, धडकन और एक अहसास
अहसास उसके होने का
उसके वजूद का
रखती है ख़्याल उसकी हर ज़रूरत
हर सपने का
बिना किसी परवाह के
बिना घाटे और मुनाफ़े का हिसाब लगाए
उसे सिखाती है ज़मीन पर पहला क़दम रखना
बिना ये सोचे की उम्र के ढलान पर
जब उसे ज़रूरत होगी उनकी
तो क्या वो बच्चे उसके साथ खडे होंगे
क्योंकि केवल मां का ही प्यार होता है
निश्छल, निस्वार्थ और निष्कपट
इसलिए उसे भगवान का दर्जा दिया गया है
और की जाती है पूजाहम भी तुम्हें नमन करते हैं
और करते हैं कामना
जीवन की हर पहरी में
सुबह - शाम और दोपहरी में
हो जाए जो भूल कोई
बुरा नहीं तुम मानकर
माफ़ हमें फिर से कर देना
आज भी बच्चा जानकर

2 comments:

रवीन्द्र गोयल said...

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Unknown said...

ya it is marvellous..